लोगों की राय

लेखक:

रमेशचन्द्र महरोत्रा
जन्म : 17 अगस्त, 1934 ।
प्राप्‍त सम्मान : राष्‍ट्रीय स्तर से लेकर प्रादेशिक और क्षेत्रीय स्तर तक के दस सम्मान- सील ऑफ ऑनर (पूना, लखनऊ), विद्यासागर (बिहार), शब्द - सम्राट (हैदराबाद), छत्तीसगढ़ -विभूति (बिलासपुर), मायाराम सुरजन फाउंडेशन सम्मान (रायपुर) आदि ।
संबद्धता : केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के दो दर्जन आयोगों और परिषदों आदि से- विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग, संघ लोक सेवा आयोग, केंद्रीय हिंदी निदेशालय, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली का स्थायी आयोग, राष्‍ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् तथा देश की अन्यान्य संस्थाओं से भाषाशास्त्री के रूप में संबद्ध हैं ।
प्रकाशन : इकतीस पुस्तकें (हिंदी भाषा विज्ञान और हिंदी साहित्य-लेखक, संपादक आदि), तेरह सौ पचास से अधिक लेख (शताधिक पत्र-पत्रिकाओं, ग्रंथों आदि मे) ।
शोध-निर्देशन : पाँच डी.लिट., उनतालीस पी -एच.डी., छह परियोजनाएँ ।
कुछ खास : जनवरी 1992 में ' नि:शुल्क विधवा विवाह केंद्र ' की स्थापना और उसका अनवरत सफल और सुफल संचालन (सपत्‍नीक) ।
सेवानिवृत्त प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, भाषा विज्ञान एवं भाषा अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्‍वविद्यालय, रायपुर ।

आड़ी टेढ़ी बात

रमेशचन्द्र महरोत्रा

मूल्य: $ 13.95

विसंगतियों के प्रति प्रबुद्ध वर्ग को सावधान करने और व्यवस्था को सचेत करने का अचूक अस्त्र...   आगे...

मानक हिन्दी का व्यवहारपरक व्याकरण

रमेशचन्द्र महरोत्रा

मूल्य: $ 22.95

यह पुस्तक भाषा प्रयोग की व्यावहारिक समस्याओं पर प्रकाश डालती है   आगे...

मानक हिन्दी के शुद्ध प्रयोग भाग 1

रमेशचन्द्र महरोत्रा

मूल्य: $ 13.95

सशक्त अभिव्यक्ति के लिए समर्थ हिंदी...

  आगे...

मानक हिन्दी के शुद्ध प्रयोग भाग 2

रमेशचन्द्र महरोत्रा

मूल्य: $ 13.95

सशक्त अभिव्यक्ति के लिए समर्थ हिंदी...

  आगे...

मानक हिन्दी के शुद्ध प्रयोग भाग 3

रमेशचन्द्र महरोत्रा

मूल्य: $ 13.95

सशक्त अभिव्यक्ति के लिए समर्थ हिंदी...

  आगे...

मानक हिन्दी के शुद्ध प्रयोग भाग 4

रमेशचन्द्र महरोत्रा

मूल्य: $ 13.95

सशक्त अभिव्यक्ति के लिए समर्थ हिंदी...

  आगे...

सुख की राहें

रमेशचन्द्र महरोत्रा

मूल्य: $ 8.95

इसमें सफल होने के गुणों का वर्णन किया गया है...   आगे...

हिन्दी में अशुद्धियाँ

रमेशचन्द्र महरोत्रा

मूल्य: $ 29.95

प्रमुखतः उपचारात्मक मूल्य-वाली यह पुस्तक हिंदी को अशुद्धियों से दूर रखना चाहने वालों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है   आगे...

 

  View All >>   8 पुस्तकें हैं|